Gratuity In Hindi – ग्रेच्युटी की कई सारी परिभाषाएँ हैं। अलग-अलग प्रकार से ग्रेच्युटी को बताया गया है। यहाँ हम साधारण शब्दों मे आपको ग्रेच्युटी के बारे में जानकारी देंगे। और शुरुआत करेंगे कि आखिर ग्रेच्युटी क्या है? वैसे तो ग्रेच्युटी नौकरी पेशा लोगों को मिलने वाला एक लाभ होता है जिसमें कंपनी और कर्मचारी दोनों की तरफ से सहयोग होता है।
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ग्रेच्युटी क्या है – What is Gratuity In Hindi
अगर आप किसी कंपनी के पाँच साल पुराने कर्मचारी हैं तो उस स्थिति में आपको सैलरी, पेंशन और प्रॉविडेंट फंड के साथ-साथ जो पैसा मिलता है उसे ग्रेच्युटी कहते हैं। इसमें थोड़ा पैसा आपकी सैलरी से कटता है और थोड़ा पैसा कंपनी के अकाउंट से कटता है। ग्रेच्युटी कंपनी द्वारा बनाया गया एक लॉन्ग टर्म बेनिफिट प्लान है।
उदहारण के तौर पर हम प्रॉविडेंट फंड यानी पीएफ की बात कर सकते हैं लेकिन प्रॉविडेंट फंड यानी पीएफ आपको किसी कंपनी के 2-3 साल में कर्मचारी होने पर भी मिल जाता है। लेकिन ग्रेच्युटी के लिए आपको कंपनी का कम से कम 5 साल पुराना कर्मचारी होना जरुरी है।
किसे मिलती है Gratuity और कौन देता है?
ग्रेच्युटी उन एम्प्लॉई को ही मिलती हैं जो कंपनी के कम से कम पाँच साल पुराने एम्प्लॉई होते हैं। लेकिन इसमें कंपनी के लिए भी कुछ नियम होते है कंपनी में ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार कम से कम 10 एम्प्लॉई होना जरुरी है। तभी कंपनी पर ग्रेच्युटी का प्रावधान लागू होता है।
Gratuity तय कैसे की जाती है?
यह एक महत्वपूर्ण बात है और इसको समझना बहुत ही जरुरी है कि ग्रेच्युटी तय कैसे की जाती है? मान लीजिये राम ने 30 साल तक किसी कंपनी में नौकरी की। आखिरी सैलरी जो राम के खाते में आयी थी उसमें उनकी बेसिक सैलरी और डीए 50 हजार रुपए था। ग्रेच्युटी का हिसाब लगाते समय महीने के 26 दिन ही गिने जाते हैं.
क्योंकि बाकि के जो दिन हैं वे छुट्टी में गिने जाते हैं। तो इसका मतलब 50 हजार रुपए को 26 से भाग दे देंगे तो भागफल 1923.07 रूपये आएगा। अब नौकरी के कुल वर्षों का 15 से गुणा करेंगे, क्योंकि ग्रेच्युटी एक साल के 15 दिन के अनुसार ही तय की जाती है। 30 और 15 का गुणा करने पर 450 रूपये आएगा।
और अब इस 450 का गुणा 1923.07 से करेंगे तो कुल राशि 8,65,381 रुपए की आएगी। ग्रेच्युटी बेसिक सैलरी और डीए पर तय की जाती है। इनके अलावा आपकी सैलरी के किसी भी कंपोनेंट का ग्रेच्युटी से कोई लेना-देना नहीं है।
ग्रेच्युटी कितनी मिलती है?
ग्रेच्युटी कितनी मिलती है? यह निर्भर होगा आपकी आखिरी सैलरी में से बेसिक सैलरी और डीए के ऊपर। ग्रेच्युटी का हिस्सा भी आपकी सैलरी में से ही काटा जाता है। और यह आपकी सालाना कॉस्ट टू कंपनी (CTC) पर निर्भर करता है।
क्या Gratuity के लिए कोई संस्था है?
नहीं ग्रेच्युटी के लिए कोई संस्था नहीं है। ग्रेच्युटी एक एक्ट है और लेबर यूनियन ग्रेच्युटी से सम्बंधित सरकार से मांगें उठा सकता है। लेबर यूनियन ने ग्रेच्युटी की मांग पाँच साल से घटाकर तीन साल करने की सिफारिश की थी। लेकिन सरकार ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। 10 लाख की लिमिट 20 लाख तक की गयी है और इसकी सिफारिश सातवें वेतन आयोग ने की थी।
Gratuity का कॉन्सेप्ट कहाँ से और क्यों आया?
ग्रेच्युटी की शुरुआत 1972 से हुई थी। ग्रेच्युटी एक्ट लाने के पीछे मकसद था कि कंपनी के कर्मचारी कंपनी के लिए वफादार और टिकाऊ बने रहें। और ऐसे लम्बे समय तक कंपनी के साथ जुड़े रहने पर उन्हें रिवॉर्ड दिया जाये। प्राइवेट और पब्लिक कंपनी के जो भी कर्मचारी पेंशन नियम के दायरे में नहीं हैं उन्हें ग्रेच्युटी के रूप में नौकरी के बाद एक अच्छी रकम दी जाती है।
ग्रेच्युटी के कॉन्सेप्ट को कंपनी और कर्मचारी दोनों की ही भलाई के लिए शुरू किया गया। कोई कर्मचारी अगर कंपनी में लम्बे समय के लिए रुकता है तो इससे कंपनी को फायदा होता है और अगर कर्मचारी किसी कारणवश लम्बे समय के बाद अपनी नौकरी छोड़ देता है तो उसे काफी बड़ी रकम मिलती है ऐसे कर्मचारी का भी फायदा होता है।
किसको Gratuity मिलती है?
अगर कोई व्यक्ति किसी एक ही कंपनी में लगातार काम करता है तो उसे ग्रेच्युटी मिलने लगती है। और जितना और लम्बे समय तक कर्मचारी उसी कंपनी में कार्य करेगा ग्रेच्युटी की रकम उतनी ही ज्यादा बढ़ती जाएगी। सातवां वेतन लगने से भी इस रकम में काफी अच्छी बढ़त हुई है।
नियम में जो बदलाव हुआ है उसके फायदे
पहला फायदा तो यही है कि आप ग्रेच्युटी के हकदार बनें। पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर कंपनियों कर्मचारियों को टैक्स-फ्री ग्रेच्युटी का फायदा 1 जनवरी 2016 से मिलना प्रारम्भ हुआ है। 1 जनवरी के बाद जो भी कर्मचारी रिटायर हुए थे उन्हें उनकी ग्रेच्युटी की बकाया राशि दी जाने की बात कही गयी थी।
किसी और बदलाव की उम्मीद – Gratuity In Hindi
लेबर यूनियन द्वारा इस पाँच साल की अवधि को तीन साल करने की माँग की गयी थी। तो हो सकता है सरकार इस पर विचार करे और यह बदलाब हो जाये। लेकिन अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
Gratuity का कितना हिस्सा टैक्स-फ्री है?
अगर ग्रेच्युटी की गणना आपकी बेसिक सैलरी के हिसाब से की गयी है और कंपनी आपको अपनी तरफ से कोई रकम उपहार में नहीं दे रही है तो 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पूरी तरह से टैक्स-फ्री होगी और इसके ऊपर आपको किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा।
ये है Gratuity In Hindi यानि ग्रेच्युटी की पूरी परिभाषा। और इसके हिसाब से आप खुद भी अपनी ग्रेच्युटी की गणना भी कर सकते हैं।
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